Uncategories
वनाग्नि पर नियंत्रण के लिए वन विभाग के 10 सीनियर अफसर नोडल अधिकारी नामित

देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देशानुसार प्रमुख वन संरक्षक (HoFF), उत्तराखण्ड द्वारा आगामी वनाग्नि सत्र-2025 में वनाग्नि के दृष्टिगत अति संवदेनशील जिलों में वनाग्नि घटनाओं के प्रभावी नियंत्रण को लेकर आदेश दिए गए। इसके लिए जिला स्तर पर आवश्यकतानुसार उपलब्ध संसाधनों एवं अन्य रेखीय विभागों से समन्वय को सुदृढ़ करने हेतु वन विभाग के 10 वरिष्ठ अधिकारियों को जिलों के नोडल अधिकारी के रूप में नामित किया गया है।
इस वर्ष वन विभाग, उत्तराखण्ड द्वारा वनाग्नि सत्र से पूर्व ही नोडल अधिकारी नामित कर कार्यालय आदेश जारी किया गया है। जिससे सम्बन्धित नोडल अधिकारी द्वारा वनाग्नि सत्र से पूर्व जिले स्तर पर वनाग्नि प्रबन्धन/नियंत्रण में की जा रही तैयारियों की समीक्षा की जायेगी। वनाग्नि सत्र के दौरान वन प्रभागों में वनाग्नि घटनाओं के प्रबन्धन, प्रभावी नियंत्रण, अनुश्रवण, जिला स्तर पर अन्य सहयोग व समन्वय को सुदृढ करने की कार्यवाही की जा सकेगी।
इसके साथ ही वनाग्नि नियंत्रण/प्रबन्धन में सामुदायिक सहभागिता को बढ़ाने के लिए वन विभाग, उत्तराखण्ड द्वारा अल्मोड़ा वन प्रभाग के अन्तर्गत शीतलाखेत मॉडल को प्रदेश के सभी प्रभागों में replicate करने हेतु फील्ड कार्मिक/sea/वनाग्नि प्रबन्धन समितियों की parisis कराई जा रही है। अब तक 15 वन प्रभागों की 20 टीमों को exposure visits कराई गयी है, जिसमें कुल 970 कार्मिक/वन पंचायत सरपंच आदि उपस्थित रहे।