गढ़वाल विश्वविद्यालय को डीएसटी पर्स से मिला 10 करोड़ रुपए का अनुदान
श्रीनगर गढ़वाल। हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय ने भारत सरकार के विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) के प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय अनुसंधान और वैज्ञानिक उत्कृष्टता (डीएसटी-पर्स 2024) अनुदान को प्राप्त करके एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है। इस हेतु प्राप्त कुल ₹10 करोड़ के अनुदान का उद्देश्य विश्वविद्यालय की अनुसंधान क्षमताओं को मजबूत कर इसके वैज्ञानिक बुनियादी ढांचे को आगे बढ़ाना है।
28 अगस्त, 2024 को कुलपति प्रोफेसर अन्नपूर्णा नौटियाल के नेतृत्व में विश्वविद्यालय के एक प्रतिनिधिमंडल को डीएसटी द्वारा आईआईटी दिल्ली में विश्वविद्यालय के शोध प्रस्ताव के प्रस्तुतीकरण हेतु आमंत्रित किया गया था | 2009 में डीएसटी द्वारा स्थापित पर्स कार्यक्रम भारत सरकार की विश्वविद्यालयों में बुनियादी ढांचा विस्तार की एक प्रमुख पहल है | इस उपलब्धि पर विश्वविद्यालय कि कुलपति द्वारा हर्ष व्यक्त करते हुए एचएनबी गढ़वाल विश्वविद्यालय में अनुसंधान और प्रौद्योगिकी को आगे बढ़ाने के लिए अपनी प्रतिबद्धता भी व्यक्त की।
कुलपति अन्नपूर्णा नौटियाल और पूर्व प्रति-कुलपति, प्रो. आर.सी. भट्ट ने डीएसटी-पर्स 2024 कार्यक्रम समन्वयक, प्रोफेसर हेमवती नंदन, सह-समन्वयक डॉ. राम साहू और परियोजना कार्यान्वयन समूह के सदस्यों, डॉ. रोहित महर, डॉ. संजय कुमार उपाध्याय, डॉ. डिगर सिंह, और डॉ. गौरव जोशी को शुभकामनाएं दी। कुल सचिव प्रोफेसर एन एस पंवार ने भी विश्वविद्यालय द्वारा इस अनुदान के प्राप्त होने पर हर्ष व्यक्त किया है । पर्स टीम ने भी विश्वविद्यालय के शैक्षणिक और अनुसंधान बुनियादी ढांचे को बदलने, उच्च शिक्षा में उत्कृष्टता और नवाचार के लिए एक नया मानदंड स्थापित करने के लिए अपनी प्रतिबद्धता दोहराई है।