
देहरादून। मुख्य सचिव आनंद बर्धन की अध्यक्षता में आगामी मध्य क्षेत्रीय परिषद की बैठक में राज्य की ओर से प्रस्तुत किए जाने वाले बिंदुओं का एजेंडा तैयार करने के संबंध में समीक्षा बैठक आयोजित की गई।
मुख्य सचिव ने ऐसे सभी विभागों जिनका अभी तक मध्य क्षेत्रीय परिषद की स्थाई समिति में प्रस्तुत किए जाने वाले प्रकरणों का एजेंडा अप्राप्त है को निर्देशित किया कि राज्य की ओर से विभागों द्वारा मध्य क्षेत्रीय परिषद समिति की आगामी बैठक में प्रस्तुत किए जाने वाले एजेंडे को तत्काल तैयार कर प्रस्तुत करें। उन्होंने निर्देशित किया कि एजेंडे में उन सभी पक्षों का स्पष्ट और संक्षिप्त विवरण हो जिसमें भारत सरकार से जिस स्तर का सहयोग अथवा संशोधन अपेक्षित हो।
मुख्य सचिव ने समाज कल्याण विभाग को जौनसारी/जेनसारी शब्द विषयक प्रकरण के संबंध में निर्देश दिए कि उक्त प्रकरण को अनुसूचित जनजाति मंत्रालय को उनके पोर्टल में शब्द की स्पेलिंग को संशोधन करने का अनुरोध तैयार करें। साथ ही कहा कि इस संबंध में यदि विधायिका स्तर का संशोधन भी अपेक्षित हो तो उसका भी लीगल मार्गदर्शन प्राप्त कर लें। उन्होंने समाज कल्याण विभाग को निर्देशित किया कि भोटिया और राजी जनजाति हेतु जनपद पिथौरागढ़ में एक एकलव्य आदर्श विद्यालय की स्थापना तथा सामाजिक सुरक्षा पेंशन में बढ़ोतरी से संबंधित विषय का एजेंडा भी तैयार करें।
मुख्य सचिव ने ग्राम्य विकास विभाग को SECC (सोशियो इकोनॉमिक एंड कास्ट सेंसस) डाटा के स्थान पर अन्य मानक/ विकल्प बनाए जाने पर विचार करने का अनुरोध तैयार करने को कहा ताकि सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के संबंध में आसानी से कार्रवाई की जा सके।
उन्होंने आपदा प्रबंधन, ऊर्जा, पेयजल और सिंचाई विभाग को आपदा से क्षतिग्रस्त परिसंपत्तियों के मानक में संशोधन करते हुए धनराशि में बढ़ोतरी विषयक एजेंडा तैयार करने, परिवहन विभाग को RRTS ( रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम) को मोदीनगर, मेरठ से हरिद्वार तक विस्तारीकरण किए जाने हेतु अनुरोध तैयार करने तथा टनकपुर- बागेश्वर एवं ऋषिकेश- उत्तरकाशी रेल परियोजना में सड़क निर्माण के प्रावधान का भी उल्लेख का एजेंडा तैयार करने के निर्देश दिए। इसके अतिरिक्त कृषि विभाग को मंडी शुल्क से संबंधित प्रकरण का एजेंडा भी तैयार करने के निर्देश दिए।
बैठक में सचिव सचिन कुर्वे, विनोद कुमार सुमन, वी वी आर पुरुषोत्तम, बृजेश संत सहित संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।
परिसंपत्तियों के क्रय-विक्रय का वर्चुअल रजिस्ट्रेशन से व्यवस्था में पारदर्शिता आएगी, समय की बचत होगी: मुख्य सचिव
देहरादून। मुख्य सचिव आनंद बर्धन की अध्यक्षता में परिसंपत्तियों यथा भूमि के क्रय-विक्रय का वर्चुअल रजिस्ट्रेशन करने के संबंध में समीक्षा बैठक आयोजित की गई।
मुख्य सचिव ने संबंधित अधिकारियों से वर्चुअल रजिस्ट्रेशन के कार्यों की प्रगति का स्टेटस लेते हुए निर्धारित टाइमलाइन में इसका क्रियान्वयन को सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। मुख्य सचिव ने कहा कि भूमि के क्रय-विक्रय का वर्चुअल रजिस्ट्रेशन पूर्ण करने के लिए सभी संबंधित हितधारकों से समन्वय स्थापित किया जाए।
उन्होंने निर्देश दिए कि संबंधित एप्लीकेशन/पोर्टल में इस तरह का प्रावधान किया जाए कि भूमि के क्रय – विक्रय से संबंधित जितने भी दस्तावेज विभिन्न हितधारकों, विभागों, निकायों और एजेंसियों के बीच शेयर करने होते हैं वे सभी दस्तावेज ऑटो मोड पर और पेपरलेस प्रक्रिया से त्वरित गति से शेयर हो जाए।
उन्होंने कहा कि इस परियोजना के तैयार होने से भूमि के क्रय- विक्रय में पारदर्शिता आएगी, विभिन्न विभागों, निकायों, एजेंसियों और हितधारकों के मध्य भूमि का एक जैसा और सही रिकॉर्ड साझा हो सकेगा तथा इससे भूमि के क्रय- विक्रय से जुड़े विवादों में भी कमी आएगी।
इस दौरान अधिकारियों ने अवगत कराया कि संबंधित एप्लीकेशन बन चुकी है तथा इस संबंध में आज प्राप्त हुए मार्गदर्शन के अनुसार इसका थोड़ा मॉडिफिकेशन किया जाएगा। उसके पश्चात इसके इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए टेंडरिंग प्रोसेस प्रारंभ की जाएगी। अवगत कराया कि इस एप्लीकेशन /पोर्टल में भूमि के क्रय-विक्रय के संबंध में तीन तरह के विकल्प उपलब्ध रहेंगे।
पहले विकल्प के तहत भौतिक रूप से दस्तावेज सहित रजिस्ट्रेशन के लिए रजिस्ट्रार कार्यालय में उपस्थित होना होगा। दूसरे विकल्प के अंतर्गत रजिस्ट्रेशन कार्यालय में बिना किसी दस्तावेज़ के (पेपरलेस) उपस्थित होकर रजिस्ट्रेशन किया जा सकेगा। तीसरे विकल्प के अंतर्गत बिना किसी मीडिएटर के वर्चुअल (ऑनलाइन) माध्यम से भूमि की रजिस्ट्री की जा सकेगी। कहा कि इस परियोजना को 1 अप्रैल 2026 से पूरे राज्य में लागू करने के प्रयास किए जाएंगे।
इस दौरान बैठक में सचिव दिलीप जावलकर, अपर सचिव सोनीका व आलोक कुमार पांडेय, सहायक महानिरीक्षक निबंधक अतुल शर्मा, उपसचिव सुनील सिंह सहित संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।



