देहरादून। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को यूकेएसएसएससी पेपर लीक मामले में आरोपियों हाकम सिंह रावत, विपिन बिहारी और शशिकांत को जमानत दे दी। हालांकि, वे जेल से बाहर नहीं आ सकेंगे। इसके लिए तीनों आरोपियों को अपने खिलाफ दर्ज सभी मुकदमों में जमानत लेनी होगी।
जस्टिस एएस बोपन्ना और प्रशांत कुमार मिश्रा की पीठ में आरोपियों के अधिवक्ता की ओर से दाखिल जमानत याचिका में कहा गया कि वे पिछले एक साल से जेल में बंद हैं और अभी मामले की सुनवाई पूरी होने में वक्त लगेगा। मामले की जांच पूरी हो चुकी है, इसलिए उन्हें अब जेल में रखने का कोई औचित्य नहीं है।
इसके बाद शीर्ष अदालत ने हाकम सिंह रावत व अन्य दो आरोपियों को जमानत दे दी है। साथ ही उन्हों हिदायत दी है कि वे साक्ष्यों और गवाहों को प्रभावित नहीं करेंगे।
सुनवाई के दौरान उत्तराखंड सरकार की ओर से तीनों आरोपियों की जमानत याचिका का विरोध किया गया। सरकार ने कहा कि यदि इन आरोपियों को जमानत पर रिहा किया गया तो ये मामले के साक्ष्यों और गवाहों को प्रभावित कर सकते हैं।
हाकम सिंह रावत समेत तीन लोगों को एक मामले में भले ही सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल गई हो, लेकिन वे जेल से बाहर नहीं आ सकेंगे। इसके लिए तीनों आरोपियों को अपने खिलाफ दर्ज सभी मुकदमों में जमानत लेनी होगी।
एसएसपी एसटीएफ आयुष अग्रवाल ने बताया कि गैंगस्टर समेत तीन मामलों में हाकम की रिमांड ली गई, जिनमें से अभी दो मामलों में वह जमानत ले पाया है। बाकी में जमानत नहीं हुई हैं। उन्होंने बताया कि इसी तरह बिपिन बिहारी और शशिकांत सिंह भी सभी मामलों में जमानत नहीं ले सके हैं। जेल से बाहर आने के लिए सभी मुकदमों में जमानत लेनी होगी। उन्होंने बताया कि आरोपी सभी केसों में जमानत न हासिल कर सकें, इसके लिए एसटीएफ पूरे प्रयास कर रही है।