पेयजल कर्मी बोले- एस्मा से नहीं डरेंगे, जरूरत पड़ी तो देंगे गिरफ्तारी
देहरादून। जल निगम-जल संस्थान संयुक्त मोर्चा द्वारा 27 फरवरी को प्रस्तावित विधानसभा कूच की तैयारी को लेकर आयोजित बैठक में मोर्चा के संयोजक रमेश बिंजोला ने कहा कि कुछ पूर्व अधिकारी, जिनके द्वारा अभी तक केंद्रीय सामानों की खरीद में ठेकेदारी की जा रही है, के द्वारा इस भय से कि एकीकरण व राजकीयकरण होने से उनके काले कारनामें उजागर हो जायेंगे, अपने कुछ जेबी संगठनों, जिनको न तो मान्यता प्राप्त है और न ही उनके संगठन में सदस्यों की संख्या मानकों के अनुरूप है, के द्वारा भ्रम फैलाने के लिए गलत बयानबाजी की जा रही है।
बिंजोला ने कहा कि इस सम्बन्ध में कल जल संस्थान मुख्यालय में मुख्य महाप्रबन्धक नीलिमा गर्ग की अध्यक्षता में हुई बैठक में यह सर्वसम्मति से तय किया गया था कि तत्काल राजकीयकरण के साथ एकीकरण हो, लेकिन सचिव प्रशासन द्वारा गलत विज्ञप्ति जारी करते हुए 6 माह तक राजकीयकरण को लटकाने का प्रयास किया गया है, जो निंदनीय कृत्य है।
संयोजक विजय खाली ने कहा कि उत्तराखण्ड पेयजल निगम व उत्तराखण्ड जल संस्थान के कार्मिकों की प्रमुख माँग राजकीयकरण की है और जल निगम-जल संस्थान का एकीकरण करते हुए तुरन्त राजकीय विभाग घोषित किया जाए।
संयोजक गढ़वाल श्याम सिंह नेगी ने कहा कि जिन अधिकारियों द्वारा एकीकरण व राजकीयकरण की राह में रोडे अटकाए जाएंगे, उनका पोल खोल कार्यक्रम भी मोर्चा द्वारा किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि 27 फरवरी को देहरादून में विशाल शांतिपूर्वक रैली निकाली जायेगी। यदि फिर भी मांगें न मानी गई तो 28 फरवरी से पेयजल कार्मिक अनिश्चितकालीन हड़ताल पर भी जा सकते हैं। यदि तब भी सरकार ने उनकी मांगें नहीं मानी गई तो वे सामूहिक गिरफ्तारी भी दे सकते हैं।
बैठक में रमेश बिंजोला, विजय खाली, श्याम सिंह नेगी, राम चन्द्र सेमवाल, संदीप मल्होत्रा, आनंद सिंह राजपूत, लक्ष्मी नारायण भट्ट, राम कुमार, भजन सिंह चौहान, लाल सिंह रौतेला, शिशुपाल सिंह रावत, आशीष तिवारी, सुमीत पुन्न आदि कर्मचारी उपस्थित थे।