उत्तराखंडदेहरादून

मुख्यमंत्री ने ‘‘उत्तराखण्ड का लोक पुत्र प्रीतम भरतवाण’’ पुस्तक का किया विमोचन

प्रीतम भरतवाण को बताया उत्तराखण्ड की लोक संस्कृति का एम्बेसडर

देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को सर्वे चौक स्थित आईआरडी सभागार में आयोजित जागर लोक संस्कृति उत्सव में प्रतिभाग किया। मुख्यमंत्री ने सचिदानन्द सेमवाल द्वारा लिखित पुस्तक ‘‘उत्तराखण्ड का लोक पुत्र प्रीतम भरतवाण’’ का विमोचन करते हुए उन्हें उत्तराखण्ड की लोक संस्कृति का ब्राण्ड एम्बेसडर बताया। उन्होंने कहा कि पद्मश्री प्रीतम भरतवाण ने देवभूमि की पवित्र लोकपरम्पराओं एवं लोक संस्कृति को विश्व में पहुंचाने का कार्य किया है। मुख्यमंत्री ने ऐसे आयोजनों को राज्य की प्राचीन समृद्ध लोक संस्कृति का उत्सव बताते हुए कहा कि जागर को उत्तराखण्ड की संस्कृति में देवताओं के आह्वान का भी माध्यम माना गया है।

मुख्यमंत्री ने जागर एकेडमी के माध्यम से युवाओं को इस विधा से जोडने के लिये प्रीतम भरतवाण के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा कि जागर एवं ढोल वादन हमारी सांस्कृतिक पहचान है। यह हमें अपनी विरासत की गहराई से जोडती है। अपनी लोक संस्कृति की इस समृद्ध विधा को युवा पीढी के साथ पीढी दर पीढी आगे बढाने के प्रयासों से हमारे युवा इस परम्परा को आगे बढाने का कार्य कर रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने पुस्तक के लेखक सच्चिदानंद सेमवाल के प्रयासों की भी सराहना करते हुए कहा कि उनका यह प्रयास प्रीतम भरतवाण के सदप्रयासों को जन-जन तक पहुंचाने में मददगार होगा। मुख्यमंत्री ने सभी से अपनी लोक संस्कृति को सहेजने तथा इसे भावी पीढी तक पहुंचाने में समर्पित भाव से कार्य करने की भी अपेक्षा की।

कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल ने प्रीतम भरतवाण को जागर संस्कृति का प्रतीक तथा लोक संस्कृति का संवाहक बताते हुए विश्व में लोक संस्कृति को पहचान दिलाने वाला बताया। कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि प्रीतम भरतवाण ने जागर एवं ढोल संस्कृति को विश्व तक पहुंचाने का कार्य किया। मुख्य सचिव राधा रतूडी ने उनके प्रयासों को युवा पीढी को अपनी संस्कृति से जोडने का माध्यम बताया। पूर्व डीजीपी अनिल रतुडी तथा साहित्यकार सोमवारी लाल उनियाल ने भी अपने विचार व्यक्त किये। पुस्तक के लेखक  सच्चिदानंद सेमवाल ने पुस्तक की विषय वस्तु की जानकारी दी।

इस अवसर पर बडी संख्या में लोक संस्कृति एवं साहित्य से जुडे गणमान्य लोग उपस्थित थे।

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