उत्तरकाशी। उत्तराखंड में सशक्त भू कानून और मूल निवास की मांग को लेकर उत्तरकाशी के जिला पंचायत अध्यक्ष दीपक बिजल्वाण एक बड़े आंदोलन की तैयारी कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि सशक्त भू-कानून नहीं होने से राज्य के लोग अपनी जमीन खोते जा रहे हैं और दूसरे राज्य के लोग आसानी से यहां के स्थाई निवासी बनकर यहां की योजनाओं और नौकरियों का लाभ ले रहे हैं।
बिजल्वाण ने कहा कि सबसे बड़ा मुद््दा मूल निवास का है। दरअसल उत्तराखंड में राज्य गठन के समय यहां रह रहे लोगों को स्थायी निवासी का दर्जा प्राप्त है। सरकार मूल निवास प्रमाण पत्र जारी करने के बजाए स्थायी निवास प्रमाण पत्र जारी करती है। इससे स्थानीय लोगों को हक हकूकों पर मार पड़ रही है। बाहरी प्रदेशों का कोई भी व्यक्ति आसानी से उत्तराखंड का स्थायी निवासी बन जा रहा है और राज्य की तमाम योजनाओं और नौकरियों का लाभ ले रहा है। जबकि, संविधान में साफ कहा गया है कि वर्ष 1950 में जो व्यक्त जिस राज्य में रह रहा हो, वह और उसकी पीढ़ियां उसी राज्य की मूल निवासी होंगी। लेकिन उत्तराखंड में किसी दूसरे राज्य के मूल निवासी लोग भी आसानी से स्थायी निवासी बन रहे हैं। उन्होंने यहां वर्ष 1950 से निवास कर रहे लोगों को मूल निवास प्रदान करने की मांग उठाई।
बिजल्वाण ने कहा कि सशक्त भू कानून नहीं होेने के कारण बाहरी लोग हमारे जल, जंगल और जमीन के संसाधनों का लाभ ले रहे हैं। उन्होंने कहा कि जमीनों की अवैध खरीद फरोख्त पर रोक लगाने के लिए सख्त भू कानून की जरूरत है।
जिला पंचायत अध्यक्ष बिजल्वाण ने सभी राजनीतिक और सामाजिक दलों से दलगत भावना से उपर उठकर इस आंदोलन में सहयोग की अपील की।