राजकाज

धामी कैबिनेट में आठ प्रस्तावों पर मुहर

दो मिनट का मौन रखकर पूर्व कैबिनेट मंत्री दिवाकर भट्ट को दी श्रद्धांजलि

देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में सचिवालय में आयोजित कैबिनेट बैठक में कैबिनेट द्वारा उत्तराखण्ड राज्य निर्माण आंदोलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले वरिष्ठ आंदोलनकारी एवं पूर्व कैबिनेट मंत्री दिवाकर भट्ट के निधन पर दो मिनट का मौन रखकर उन्हें श्रद्धांजलि दी गई। कैबिनेट ने राज्य के निर्माण और विकास में भट्ट के योगदान को भी याद किया गया।

आज कैबिनेट बैठक में विभिन्न विभागों से संबंधित कुल आठ महत्वपूर्ण विषयों पर निर्णय लिए गए।

कैबिनेट ने पर्यावरण संरक्षण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के अंतर्गत कार्यरत उत्तराखण्ड जैव विविधता बोर्ड की वित्तीय वर्ष 2024-25 के क्रियाकलापों के संपूर्ण लेखा-जोखा को राज्य विधान मण्डल के पटल पर रखे जाने की स्वीकृति दी है।

अभियोजन विभाग, उत्तराखण्ड में अभियोजन संवर्ग के ढ़ांचे के पुनर्गठन के सम्बन्ध में राज्य गठन के उपरान्त समय-समय पर अभियोजन विभाग में अभियोजन संवर्ग के कुल 142 पद के सापेक्ष सहायक अभियोजन अधिकारी के कुल 91 पद सृजित है। न्यायालयों में वादों के सम्बन्ध में प्रभावी पैरवी किये जाने हेतु अभियोजन संवर्ग के ढाँचे को पुनर्गठित करते हुए प्रथम चरण में राज्य के चार जनपदों कमशः देहरादून, हरिद्वार, नैनीताल एवं ऊधमसिंहनगर हेतु सहायक अभियोजन अधिकारी के कुल 46 अतिरिक्त पदों को सृजित किये जाने के प्रस्ताव पर मंत्रिमण्डल द्वारा अनुमोदन दिया गया है।

ऊर्जा एवं वैकल्पिक ऊर्जा विभाग के अंतर्गत कार्यरत उत्तराखण्ड जल विद्युत निगम लिमीटेड (न्श्रटछस्) के वर्ष 2022-23 के वार्षिक वित्तीय प्रतिवेदन को विधानसभा पटल पर प्रस्तुत किये जाने के सम्बन्ध में कैबिनेट ने अपनी स्वीकृति दी है।

आवास विभाग (अनुभाग-2) के अंतर्गत कार्यरत प्राधिकरण क्षेत्रान्तर्गत मानचित्र स्वीकृति की अनिवार्यता किये जाने के संबंध में पुनःपरीक्षण कराने का निर्णय लिया गया।

राज्य की दुकानों एवं स्थापनों में महिला कर्मकारों को नाइट शिफ्ट (रात्रि 9.00 बजे से प्रातः 6.00 बजे तक) कार्य करने की सशर्त छूट प्रदान की गयी है, जिसमें महिला कर्मकारों की सुरक्षा का पर्याप्त प्रावधान किया गया है। इससे महिला कर्मकारों को कार्य करने के अधिक अवसर प्राप्त होगें तथा महिला कर्मकारों का आर्थिक सशक्तिकरण होगा। रात्रि पाली में महिला कर्मकारों को कार्य में तभी लिया जा सकता है जब उनके द्वारा इस संबंध में पूर्व में ही लिखित सहमति प्राप्त कर ली जाए। इससे महिला कर्मकारों को पुरूष कर्मकारों के समान कार्य करने के अवसर प्राप्त होगें तथा लैंगिक समानता की व्यवस्था भी प्रभावी होगी।

उत्तराखण्ड दुकान और स्थापन (रोजगार विनियमन और सेवा-शर्त) (संशोधन) अध्यादेश, 2025 के माध्यम से उत्तराखण्ड दुकान और स्थापन (रोजगार विनियमन और सेवा-शर्त) अधिनियम, 2017 की धारा 1(2), 8, 9 एवं धारा 19 में संशोधन किया जा रहा है। इन संशोधनों से छोटे प्रतिष्ठानों पर अतिरिक्त बोझ नहीं पड़ेगा और वे अपनी आर्थिक गतिविधि सुचारू रूप से संचालित कर सकेंगे जबकि बड़े प्रतिष्ठानों में काम करने वाले कर्मकारों को कानून के अन्तर्गत सभी लाभ प्राप्त होंगे। इससे निवेश को प्रोत्साहन मिलेगा, दुकानों एवं स्थापनों में काम करने के समय में लचीलापन आयेगा, प्रशासनिक बोझ कम होगा। उक्त के अतिरिक्त इससे दुकानों एवं स्थापनों की कार्यक्षमता बढ़ेगी एवं कर्मकारों को ज्यादा काम करने का अवसर मिलेगा, जिसके परिणामस्वरूप उनकी आर्थिकी में सुधार होगा।

देहरादून शहर में प्रस्तावित मेट्रो नियो परियोजना के सम्बन्ध में उत्तराखण्ड मेट्रो रेल एवं शहरी अवस्थापना एवं भवन निर्माण निगम की सम्पन्न आहूत 34वीं बोर्ड बैठक के एजेण्डा बिन्दु संख्या-34/3 में पारित प्रस्ताव के अनुक्रम में देहरादून शहर में प्रस्तावित मेट्रो नियो परियोजना के प्रस्ताव पर आवासन एवं शहरी विकास मामलों के मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा दिये गये परामर्श व सुझाव से माननीय मंत्रिमण्डल को अवगत करने एवं मार्गदर्शन प्राप्त किये जाने का प्रस्ताव प्रस्तावित किया गया है।

मानव वन्यजीव संघर्ष राहत वितरण निधि (संशोधन) नियमावली, 2025 का प्रख्यापन। वर्तमान में मानव वन्यजीव संघर्ष के प्रकरणों में प्रभावितों को अनुग्रह राशि का भुगतान मानव वन्यजीव संघर्ष राहत वितरण निधि नियमावली-2024ष् के प्रावधानों के अनुसार किया जाता है। उक्त नियमावली के प्रावधानों के अनुसार वर्तमान में मानव मृत्यु की दशा में ₹6.00 लाख की धनराशि मृतक के आश्रितों को प्रदान किये जाने का प्रावधान है। मानव मृत्यु की संवेदनशीलता के दृष्टिगत समय-समय पर इस धनराशि को बढ़ाये जाने की मांग को देखते हुए, टाईगर कन्जर्वेशन फाउण्डेशन फॉर सी०टी०आर० की शासी निकाय की 10वीं बैठक में लिये गये निर्णय के क्रम में मानव वन्यजीव संघर्ष की घटनाओं में मानव मृत्यु की दशा में अनुग्रह राशि की दर को ₹6.00 लाख से बढ़ाकर ₹10.00 लाख किये जाने हेतु मूल नियमावली के नियम-9 के उप नियम (1) में संशोधन करते हुए अब मानव मृत्यु की दशा में प्रति व्यक्ति ₹10.00 लाख की अनुग्रह राशि दी जायेगी। इस संबंध में माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा वन्यजीव हमले में जनहानि पर मिलने वाली सहायता राशि को बढ़ाकर ₹10.00 लाख किये जाने की घोषणा भी की गयी थी।

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