उत्तराखंडदेहरादून

कांवड़ मेला 2025: डीजीपी ने सुरक्षा और समन्वय को लेकर दिए सख्त निर्देश

श्रावण मास कांवड़ मेला की तैयारियों को लेकर उच्चस्तरीय पुलिस गोष्ठी

  • उत्तराखंड पुलिस कांवड़ मेले के सफल संचालन के लिए पूरी तरह सतर्क और प्रतिबद्ध: दीपम सेठ

देहरादून। श्रावण मास कांवड़ मेला 2025 की तैयारियों के संबंध में आज पटेल भवन सभागार में पुलिस महानिदेशक दीपम सेठ की अध्यक्षता में एक उच्चस्तरीय गोष्ठी आयोजित की गई, जिसमें राज्य के वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों सहित जनपद के पुलिस अधिकारियों द्वारा प्रतिभाग किया गया।

बैठक में डीजीपी ने निर्देशित किया कि कांवड़ मेला एक विशाल धार्मिक आयोजन है, जिसकी शांति, सुरक्षा और सुव्यवस्थित संचालन उत्तराखंड पुलिस की प्राथमिकता है।

पुलिस महानिदेशक ये दिशा-निर्देश दिए 

  • संवेदनशील, अतिसंवेदनशील एवं अतिभीड़ वाले क्षेत्रों को चिह्नित कर वहां पर्याप्त संख्या में अनुभवी पुलिस बल, रिज़र्व टीमें, महिला पुलिस बल की तैनाती सुनिश्चित की जाए। संदिग्ध गतिविधियों के दृष्टिगत एटीएस, बम डिस्पोजल यूनिट और गुप्तचर इकाइयों को भी रणनीतिक बिंदुओं पर सक्रिय किया जाए।
  • यातायात नियंत्रण और आवागमन व्यवस्था के अंतर्गत सभी मुख्य मार्गों, कांवड़ रूट, वैकल्पिक मार्गों एवं पार्किंग स्थलों का स्पष्ट ट्रैफिक प्लान तैयार कर उसका व्यापक प्रचार-प्रसार सीमावर्ती राज्यों तक फ्लैक्स, होर्डिंग और सोशल मीडिया के माध्यम से किया जाए। भारी वाहनों के डायवर्जन, अस्थायी पुलिस चौकियां, मोबाइल पेट्रोलिंग एवं पैदल और डाक कांवड़ियों के लिए सुरक्षित व सुव्यवस्थित मार्ग सुनिश्चित किए जाएं।
  • तकनीकी निगरानी और संचार व्यवस्था के अंतर्गत CCTV कैमरों, ड्रोन और बॉडी वॉर्न कैमरों की मदद से सभी प्रमुख स्थलों की 24×7 निगरानी सुनिश्चित की जाए। *किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए मेला नियंत्रण कक्ष में क्विक रिस्पॉन्स टीम (QRT) निरंतर सक्रिय रहे। सोशल मीडिया के माध्यम से त्वरित, प्रामाणिक एवं सकारात्मक जानकारी प्रसारित की जाए तथा किसी भी अफवाह या आपत्तिजनक सामग्री पर त्वरित कार्रवाई हो।
  • जनसहयोग, समन्वय एवं मूलभूत सेवाओं के तहत श्रद्धालुओं के लिए पेयजल, चिकित्सा सहायता, मोबाइल टॉयलेट, रात्रि विश्राम स्थलों, शिविरों, धर्मशालाओं की व्यवस्था स्थानीय प्रशासन के समन्वय से की जाए। इन स्थानों पर ठहरने वाले व्यक्तियों का सत्यापन भी अनिवार्य किया जाए। हरिद्वार में अत्यधिक भीड़ की स्थिति में अन्य घाटों को वैकल्पिक रूप में प्रचारित किया जाए। साथ ही, आमजन को यातायात, सुरक्षा और वैकल्पिक व्यवस्थाओं की समय-समय पर जानकारी दी जाए।
  • अंतरराज्यीय समन्वय एवं आपात तैयारी के तहत सीमावर्ती जिलों एवं राज्यों के पुलिस अधिकारियों से समन्वय बैठकें आयोजित की जाएं। इंटेलिजेंस इनपुट्स पर तत्काल प्रतिक्रिया के लिए SOP प्रभावी रूप से लागू की जाए। ड्रेस रिहर्सल, मॉक ड्रिल और आपदा प्रबंधन टीमें पूर्व से तैनात रहें। हरकी पैड़ी, नीलकंठ मंदिर, रेलवे स्टेशन, बस अड्डा जैसे भीड़ वाले स्थलों पर विशेष सुरक्षा योजना एवं पब्लिक एड्रेस सिस्टम की व्यवस्था रहे।
  • कानून व्यवस्था एवं नैतिक वातावरण सुनिश्चित करने हेतु मांस, शराब एवं मादक पदार्थों की बिक्री पर संवेदनशील क्षेत्रों में पूर्ण प्रतिबंध लागू किया जाए। श्रद्धालुओं के साथ सम्मानजनक व्यवहार सुनिश्चित हो तथा असामाजिक या साम्प्रदायिक तत्वों पर कड़ी निगरानी रखी जाए।

डीजीपी ने कहा कि उत्तराखंड पुलिस पूर्ण समर्पण, सतर्कता एवं सेवा भावना से कार्य कर रही है और यह सुनिश्चित किया जाएगा कि कांवड़ मेला 2025 शांति, सुरक्षा और समन्वय के साथ सफलतापूर्वक सम्पन्न हो।

बैठक में अपर पुलिस महानिदेशक अपराध एवं कानून व्यवस्था वी0 मुरुगेशन, अपर पुलिस महानिदेशक प्रशासन  ए0पी0 अंशुमान, पुलिस महानिरीक्षक, पी0 एंड एम0 विम्मी सचदेवा, पुलिस महानिरीक्षक, पीएसी  नीरू गर्ग, पुलिस महानिरीक्षक, फायर मुख्तार मोहसिन, पुलिस महानिरीक्षक/ निदेशक यातायात नारायण सिंह नपलच्याल, पुलिस महानिरीक्षक, एस0डी0आर0एफ0  अरुण मोहन जोशी, पुलिस महानिरीक्षक, गढ़वाल रेंज राजीव स्वरुप, पुलिस उपमहानिरीक्षक, अपराध एवं कानून व्यवस्था धीरेन्द्र गुंज्याल, SSP देहरादून अजय सिंह, SSP हरिद्वार परमेन्द्र डोभाल, SSP एसटीएफ नवनीत सिंह एवं अन्य पुलिस अधिकारीगण उपस्थित रहे।

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