उत्तराखंडचमोली

माणा हिमस्खलनः सर्च और रेस्क्यू अभियान पूरा

46 श्रमिकों का सुरक्षित रेस्क्यू, 8 श्रमिकों की मृत्यु

  • मुख्यमंत्री ने जताया राहत और बचाव दलों का आभार

देहरादून। चमोली जिले के माणा क्षेत्र में 28 फरवरी को हुए हिमस्खलन में फंसे श्रमिकों के लिए चलाया गया सर्च और रेस्क्यू अभियान पूरा हो चुका है। इस आपदा में कुल 54 श्रमिक प्रभावित हुए, जिनमें से 46 को सुरक्षित निकाल लिया गया, जबकि 08 श्रमिकों की मृत्यु हो गई। इस पूरे अभियान के दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने ग्राउण्ड जीरो का निरीक्षण किया तथा राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र से रेस्क्यू अभियान की मॉनीटरिंग भी की। मुख्यमंत्री के दिशा-निर्देशन में राहत और बचाव दलों ने अपनी पूरी ताकत झोंकते हुए तीन दिन के भीतर इस कठिन अभियान को अंजाम देते हुए 46 कीमती जिंदगियों को बचाया।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि रेस्क्यू ऑपरेशन में भारतीय सेना, आईटीबीपी, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, बीआरओ, पुलिस, जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की टीमों ने अदम्य साहस और समर्पण का परिचय दिया। विपरीत परिस्थितियों में सर्च और रेस्क्यू अभियान चलाकर 46 जिंदगियां बचाई गईं। दुर्भाग्यवश 08 लोगों को नहीं बचा पाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह लगातार पूरे ऑपरेशन की जानकारी लेते रहे।

मुख्यमंत्री ने रेस्क्यू अभियान में सेना, आई.टी.बी.पी., बी.आर.ओ, एनडीएमए, राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण, एन०डी०आर०एफ, एस०डी०आर०एफ, जिला प्रशासन, पुलिस, स्वास्थ्य विभाग, वायु सेना, यूकाडा, अग्निशमन विभाग, खाद्य विभाग, बी०एस०एन०एल०, ऊर्जा विभाग द्वारा प्रदान की गई महत्वपूर्ण सेवाओं के लिए उनके योगदान की सराहना की है। मुख्यमंत्री ने कहा कि अस्पताल में भर्ती घायल श्रमिकों की चिकित्सा व्यवस्था सुनिश्चित की जा रही है। सरकार पूरी तरह प्रभावितों के साथ खड़ी है और हरसंभव सहायता प्रदान की जाएगी। मृतक श्रमिकों के पार्थिव शरीर उनके परिजनों को सौंपने की प्रक्रिया पूरी की जा रही है।

28 फरवरी को हिमस्खलन की चपेट में आ गए थे 54 श्रमिक

28 फरवरी 2025 को समय प्रातः 8:30 बजे लगभग तहसील- जोशीमठ के अंतर्गत माणा गेट बी०आर०ओ० कैम्प के समीप बी०आर०ओ० के गजदूर कार्य कर रहे थे, इस दौरान हिमस्खलन होने से मजदूर फंस गये थे। पूर्व में श्रमिकों की संख्या 55 बताई गई थी। दूरभाष पर संपर्क करने पर ज्ञात हुआ है कि पूर्व से ही एक श्रमिक बिना बताये अपने घर चला गया था। इस प्रकार प्रभावित / फंसे श्रमिकों की कुल वास्तवित संख्या 54 है।

  • हिमस्खलन में फंसे कुल मजदूर (सिविलियन) -54
  • सुरक्षित-46
  • जोशीमठ में उपचाराधीन श्रमिक -44
  • एम्स ऋषिकेश में उपचाराधीन श्रमिक-02
  • मृतक श्रमिक-08

युद्धस्तर पर संचालित किये गये राहत एवं बचाव कार्य

देहरादून। आज खोज एवं बचाव दलों द्वारा वृहद स्तर पर रेस्क्यू अभियान संचालित किया गया। इस दौरान 04 श्रमिकों के शव बरामद हुए 04 श्रमिकों के शव विगत् दिवस बरामद हुए थे। इस प्रकार कुल 08 श्रमिकों के शव बरामद किये जा चुके हैं। बदरीनाथ / माणा से सुरक्षित रेस्क्यू किये गए 46 श्रमिकों में से 44 श्रमिकों को ज्योतिर्मठ स्थित सेना के अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उनकी स्थिति सामान्य बतायी गयी है। उनके उपचार की समुचित व्यवस्था की गयी है तथा उनकी जरूरतों का पूरा ख्याल रखा जा रहा है। 02 श्रमिकों का उपचार एम्स ऋषिकेश में किया जा रहा है। एम्स प्रशासन के अनुसार उनकी स्थिति में सुधार हो रहा है। 07 मृतक श्रमिकों का रविवार को पोस्टमार्टम कर उनके पार्थिव शरीर को उनके घर रवाना कर दिया है।

आधुनिक संसाधनों के जरिये की गई खोज

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस पूरे अभियान के दौरान पल-पल की स्वयं निगरानी की। उन्होंने लापता श्रमिकों के रेस्क्यू के लिए राहत और बचाव दलों के साथ कई बार चर्चा की। मुख्यमंत्री के अनुरोध पर केंद्र सरकार द्वारा GPR (Ground Penetrating radar) मुहैया कराई गई। साथ ही केंद्र सरकार द्वारा एम०आई०-17 हैलीकाप्टर भी भेजा गया। एन०डी०आर०एफ० द्वारा थर्मल इमेजिंग कैमरा, विक्टिम लोकेटिंग कैमरा, RRSAW (ROTARY RESCUE SAW), एवलांच रॉड, डॉग स्क्वाड को घटना स्थल पर भेजा गया तथा इनके माध्यम से व्यापक स्तर पर रैस्क्यू अभियान संचालित किया गया। एस०डी०आर०एफ० तथा यू०एस०डी०एम०ए० द्वारा भी थर्मल इमेजिंग कैमरा, विक्टिम लोकेटिंग कैमरा मौके पर भेजे गए तथा इनके द्वारा भी लापता श्रमिकों की खोज की गयी। वायु सेवा के एमआई-17 हेलीकॉप्अर के साथ ही तीन चीता हेलीकॉप्टर, उत्तराखण्ड सरकार के 02 हेलीकॉप्टर, एम्स ऋषिकेश से एक एयर एंबुलेंस द्वारा राहत एवं बचाव कार्य में सहयोग किया गया।

प्रधानमंत्री और केंद्रीय गृह मंत्री ने रखी नजर

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी पूरे ऑपरेशन पर नजर बनाए रखी। उन्होंने सीएम पुष्कर सिंह धामी से फोन पर सारी जानकारी ली और केंद्र से हर प्रकार की सहायता के प्रति आश्वस्त किया। पीएमओ और गृह मंत्रालय का राज्य सरकार से लगातार समन्वय रहा। मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार से मिले सहयोग के लिए आभार जताया है। इस अभियान के दौरान राज्यपाल ले.ज. (अ.प्रा.) गुरमीत सिंह भी श्रमिकों की सुरक्षा को लेकर चिंतित रहे। मुख्यमंत्री ने राज्यपाल का भी उनके द्वारा प्रदान किए गए बहुमूल्य मार्गदर्शन के लिए आभार व्यक्त किया है।

मुख्यमंत्री ने की मीडिया का भूमिका की सराहना

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस पूरे अभियान के दौरान मीडिया से प्राप्त सहयोग के लिए मीडिया प्रतिनिधियों का विशेष तौर पर आभार जताया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि मीडिया कर्मियों ने रेस्क्यू अभियान की सम्पूर्ण तथ्यों के साथ रिपोर्टिंग की, जिससे किसी भी स्तर पर भ्रम व पैनिक की स्थिति उत्पन्न नहीं हुई। लोगों तक सही जानकारी पहुंची, जिससे राहत और बचाव दलों को प्रोत्साहन मिला। मुख्यमंत्री ने महानिदेशक सूचना बंशीधर तिवारी की इस पूरे रेस्क्यू अभियान के दौरान सकियता तथा उनके द्वारा प्रदान किए गए सहयोग की सराहना की।

मुख्यमंत्री स्वयं गए ग्राउंड जीरो पर

पूरे सर्च और रेस्क्यू ऑपरेशन पर सीएम पुष्कर सिंह धामी ने लगातार नजर बनाए रखी। मुख्यमंत्री द्वारा इस रेस्क्यू अभियान के दौरान चार बार एस०ई०ओ०सी० पहुंचकर खोज एवं बचाव कार्यों की समीक्षा की गयी। वे ज्योतिर्मठ भी गए और सर्च और रेस्क्यू कार्यों का निरीक्षण भी किया। उन्होंने पूरे क्षेत्र का हवाई निरीक्षण भी किया। मुख्यमंत्री के निर्देशन में आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा सभी के साथ समुचित समन्वय किया गया, लगातार राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के माध्यम से नियमित तौर पर पूरे घटनाक्रम की निगरानी की गई तथा सभी विभागों के आपसी समन्वय से युद्धस्तर पर राहत एवं बचाव कार्य किया गया। गंभीर रूप से घायल श्रनिकों के उपचार का खर्च राज्य सरकार द्वारा वहन किया जाएगा।

शासन के अधिकारियों का भी जताया आभार

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सलाहकार समिति, आपदा प्रबन्धन विभाग के उपाध्यक्ष विनय कुमार रुहेला, मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, डीजीपी दीपम सेठ, प्रमुख सचिव आरके सुधांशु, शैलेश बगौली, सचिव पंकज कुमार पाण्डेय, आयुक्त गढ़वाल विनय शंकर पाण्डेय, सचिव आपदा प्रबन्धन एवं पुनर्वास विनोद कुमार सुमन, जीओसी उत्तराखण्ड सब-एरिया मेजर जनरल प्रेम राज, आईटीबीपी के आईजी संजय गुंज्याल, आईजी एसडीआरएफ रिद्धिम अग्रवाल, पुलिस महानिरीक्षक गढ़वाल परिक्षेत्र राजीव स्वरूप, यूएसडीएमए के एसीईओ प्रशासन आनंद स्वरूप, कियान्वयन डीआईजी राजकुमार नेगी, वित्त नियंत्रक अभिषेक आनंद, जेसीईओ मो० ओबैदुल्लाह अंसारी आदि द्वारा प्रदान किए गए बहुमूल्य सहयोग तथा रेस्क्यू अभियान के संचालन में महत्वपूर्ण सुझाव के लिए आभार जताया।

 

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