स्वास्थ्य

निजी स्कूलों के रवैए के खिलाफ फिर उठी आवाज

जीएमएस रोड स्थित एक स्कूल प्रबन्धन के खिलाफ अभिभावकों के किया प्रदर्शन

  • बर्दाश्त नहीं होगी निजी स्कूलों की लूट खसौट: विकास नेगी

देहरादून। फीस में अनाप शनाप बढ़ोत्तरी कर रहे निजी स्कूलों के विरोध में एक बार फिर आवाज उठने लगी है। बेलगाम फीस वृद्धि के विरोध में गुरुवार को अभिभावकों के जीएमएस रोड स्थित एक स्कूल के मुख्य द्वार पर आज धरना प्रदर्शन किया। उत्तरांखण्ड कांग्रेस सोशल मीडिया प्रदेश अध्यक्ष विकास नेगी ने कहा कि निजी स्कूलों की मनमानी को सरकार आंख मूंदे चुपचाप देख रही है। निजी स्कूलों ने यदि अपना रवैया नहीं बदला तो इनके खिलाफ जनांदोलन किया जाएगा।

फीस वृद्धि पर नाराजगी व्यक्त करते हुए नेगी ने कहा कि भाजपा के राज में पहले ही आम जनता की महंगाई से कमर टूटी हुई है ऊपर से निजी स्कूल संचालक फीस वृद्धि कर अभिभावकों के ऊपर आर्थिक बोझ बढ़ाने का कार्य कर रहे हैं जिसके कारण बच्चों की शिक्षा-दीक्षा में व्यवधान उत्पन्न हो रहा है। कई अभिभावक ऐसे हैं जो बढ़ी हुई फीस के कारण अपने बच्चों को निजी स्कूलों में नहीं पढ़ा पा रहे और उन्हें बीच में ही बच्चों को निजी स्कूलों से निकालकर सरकारी स्कूलों में डालना पड़ रहा है।

विकास नेगी ने कहा कि भाजपा राज्य सरकार का निजी स्कूलों पर जरा भी नियंत्रण नहीं है। प्रदेश के शिक्षा मंत्री विदेश दौरे या फिर चुनावी दौरों के रहते हैं, जिसके कारण उन्हें उत्तराखण्ड के निजी स्कूलों के लूट खसौट दिखाई नहीं दे रही। उत्तराखण्ड सरकार कुम्भकर्णीय नींद सो रही है। अभिभावक हो या आम जनता सब, त्रहि-त्रहि कर रहे हैं।

नेगी ने कहा कि आज भी एक स्कूल में हुई फीस वृद्धि के कारण अभिभावकों ने स्कूल के मुख्य द्वार पर धरना-प्रदर्शन किया। अभिभावकों के इस आंदोलन को वह अपना व्यक्तिगत समर्थन प्रदान करते हैं और स्कूल प्रंबंधन से मांग करते हैं कि वह फीस वृद्धि को अविलम्ब समाप्त करे नहीं तो वह आम जनता के साथ कंधे से कंधा मिलाकर आंदोलन में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करेगें और यह आंदोलन तब तक जारी रहेगा जब तक निजी स्कूल अपनी मनमानी समाप्त नहीं करते। उन्होंने कहा कि प्रायः यह भी देखने में आ रहा है कि कुछ स्कूलों ने हर वर्ष पाठ्यक्रम बदलने का व्यवसाय शुरू कर दिया है जिसके कारण अभिभावकों से किताबों के नाम पर भी लूट खसौट मची हुई है।इसका कारण यह है कि स्कूल व किताब प्रकाशकों से कमीशन खोरी तय हो जाती है। स्कूल को कमीशन मिलती है और उसका हरजाना अभिभावकों को भुगतना पड़ रहा है। नेगी ने कहा कि इस तरफ उत्तराखण्ड सरकार के साथ ही शिक्षा निदेशक को भी ध्यान देना होगा अन्यथा आंदोलन शुरू किया जाएगा।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button