शिक्षा

मंत्री के साथ बैठक में बाद राजकीय शिक्षक संघ के पदाधिकारी गदगद

बोले- बीते छह सालो में पहली बार मिला मंत्री के सामने खुलकर विचार रखने का मौका

देहरादूनः शिक्षा मंत्री डा धन सिंह रावत ने कहा कि शिक्षा की गुणवत्ता की धुरी हमारे शिक्षक ही हैं। हमारी सरकार में गुरूजनों को पूरा सम्मान दिया जाता है। उनके शिक्षण व बच्चों के भविष्य निर्माण की प्रतिबद्धता से ही शिक्षा के मूल उद्देश्यों को हासिल किया जा सकेगा। यह बात उन्होंने राजकीय शिक्षक संघ की नव निर्वाचित प्रांतीय कार्यकारिणी के पदाधिकारियों के साथ आयोजित बैठक में कही।

शिक्षा निदेशालय सभागार में आयोजित बैठक में राजकीय शिक्षक संघ की नव निर्वाचित प्रांतीय पदाधिकारियो को बधाई देते हुए शिक्षा मंत्री डा धन सिंह रावत ने कहा कि शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लिए जो भी संभव होगा उसे पूरा किया जाएगा। इस मौके पर संघ के प्रांतीय अध्यक्ष राम सिंह चौहान, महामंत्री रमेश पैन्यूली समेत अन्य प्रदाधिकारियों ने मा मंत्री के समक्ष स्कूलों के कोटिकरण, पदोनत्ति, चयन, प्रोन्नत वेतनमान, विसंगतियां, अवकाश, सीसीएल का लाभ, पुरानी पेंशन बहाली, ऑनलाइन परीक्षाओं का दबाव कम करने, ब्लाक स्तर पर अधिकारियों की कमी, कला संगीत व व्यायाम को मुख्य विषय बनाने, पदों का सृजन, पत्राचार की जटिलताओं का सरलीकरण समेत अन्य मांगें रखी और बाकायदा मांग पत्र भी सौंपा।

संघ के मांग पत्र पर क्रमवार चर्चा करते हुए मंत्री ने कहा कि हमारी सरकार पूरी ताकत के साथ शिक्षकों के साथ खड़ी है। उनकी समस्याओं के समाधान के हर संभव प्रयास किए जाएंगे। समस्याओं के निदान को लेकर अधिकारी स्तर से लेकर शासन व कैबिनेट स्तर तक जहां भी समाधान के प्रावधान संभव होंगे वह प्रयास किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि शिक्षा व्यवस्थाओं की समीक्षा हेतु प्रांतीय कार्यकारिणी से वह हर तीन माह में बैठक करेंगे। उन्होंने शैक्षिक उन्नयन गोष्ठियों का चार्ट बनाने तथा शिक्षा समागम कार्यक्रम की सफलता में जुटने की बात कही।

उन्होंने सभी पदाधिकारियों से यह भी उम्मीद की है कि वह अन्य साथियों से प्रतिबद्धता की अपील करें। साथ मंत्री ने प्रांतीय कार्यकारिणी से कलस्टर स्कूल व पीएमश्री स्कलों के लिए भी माहौल बनाने की अपील की। उन्होंने कहा कि छात्र हित ही हम सबके लिए सर्वोपरि है। खेलकूद से लेकर अन्य कार्यक्रमों का सभी विभाग कलेंडर बना लें। वर्ष भर में 220 दिन स्कूलों में पढ़ाई हर हाल में होनी चाहिए। बैठक में आपदा के मद्देजनर 10 दिन का अवकाश को लेकर भी चर्चा हुई।

मंत्री ने कहा कि जिन स्कूलों में अभी टीचरों पद रिक्त हैं वहां प्रधानाचार्यों को यवस्था पर रिटायर शिक्षक या योग्य अभ्यर्थी को केंद्रीय विद्यालय की तर्ज पर पीरियड वार नियुक्ति अधिकार भी दिया जा रहा है। ताकि पढ़ाई प्रभावित ना हो। स्कूलों में फर्नीचर से लेकर स्कूल भवन तक सब दुरूस्त कर दिए जाएंगे। आप शिक्षा की गुणवत्ता पर फोकस रखें। उन्होंने कहा कि देश में हम अभी 18वें स्थान पर हैं। आने वाले दो सालों में हमारा प्रदेश देश के टॉप दस राज्यों में शामिल होगा। सभी को इसके लिए प्रयास करने होंगे।

इस मौके सचिव शिक्षा रविनाथ रमन, महानिदेशक शिक्षा बंशीधर तिवारी समेत विभागीय अधिकारी भी मॉजूद रहे।

पदाधिकारी बोले, पहली बार मिला यह अवसर
राजकीय शिक्षक संघ की प्रांतीय कार्यकारिणी के पदाधिकारियों ने शिक्षा मंत्री डा धन सिंह रावत के नेतृत्व कौशल व सकारात्मक सोच की गदगद भाव से प्रशंसा की है। बैठक में संघ के प्रांतीय अध्यक्ष राम सिंह चौहान समेत अन्य पदाधिकारियों ने कहा कि बीते छह सालों में पहली बार प्रांतीय कार्यकारिणी को अपने मंत्री के साथ बैठ खुलकर अपने विचार रखने का अवसर मिला है। समस्याओं पर सकारात्मक चर्चा हुई। यह अपने आप में बहुत बड़ी बात है।

मुख्य बिंदु जिन पर हुई चर्चा 

1- 2005 से पूर्व विज्ञप्ति के आधार पर नियुक्त शिक्षकों को पुरानी पेंशन योजना लागू करने को लेकर कहा गया कि यह प्रक्रिया विभिन्न स्तरों पर गतिमान है।

2-एल टी से प्रवक्ता एवं एलटी/प्रवक्ता से हेडमास्टर पदों पर पद्दोन्नति के सम्बन्ध में न्यायालय वादों-याचिकाओं एवं ट्राइब्यूनल के फैसले के आलोक में शीघ्र परीक्षण कर सभी पक्षों को एक मंच पर लाकर पद्दोन्नति प्रक्रिया सम्पन्न की जायेगी।इस मुद्दे पर जल्द सकारात्मक निर्णय की उम्मीद है।

3-पूर्व में प्रदत्त यात्रावकाश बहाल करने सहमति प्रदान की गई।

4-5400 ग्रेड को राजपत्रित घोषित किया जाय। कहा गया कि यह मामला परीक्षण के लिए वेतन विसंगति समिति को भेजा जाएगा।

5-आहरण-वितरण का प्रभार प्रभारी प्रधानाचार्य को दिया जाय। परीक्षण के लिए भेजा जाएगा

6-एल टी कैडर को राज्य कैडर घोषित किया जाय। अंतरमण्डलीय स्थानान्तरण के तहत् one time सेटलमेंट का लाभ दिया जाएगा।

7-चयन/प्रोन्नत पर एक वेतनवृद्धि का लाभ-फाइल वित्त विभाग को प्रेषित की जा चुकी है, जल्द फैसला होगा।

8-वरिष्ठ/कनिष्ठ का निराकरण -वेतन विसंगति समिति को
9-अधिक छात्र संख्या वाले विद्यालय में उप प्रधानाचार्य का पद सृजित- स्कूलों में बच्चों की संख्या घटने के कारण इस मुद्दे का अध्ययन किया जाऐगा।
10- स्वतः सत्रांत लाभ दिए जाने पर सहमति दी गई।

11-पदोन्नति/स्थानांतरण काउंसलिंग के द्वारा किया जाय- ‌बैठक में बताया गया कि ऑनलाइन स्थानान्तरण – पदस्थापना का खाका तैयार किया जा चुका है।

12-पूर्व की भांति प्रशासनिक पदों पर प्रधानाचार्यों को पदोन्नति दी जाय-इस पर कमेटी बनाकर विचार किया जाएगा

13-अटल उत्कृष्ट विद्यालयों को cbse से हटाकर पुनः रामनगर बोर्ड के अधीन लाने पर सम्पूर्ण सदन सहमत था राजनैतिक फैसला होने के के कारण इसे कैबिनेट में लाया जाएगा

14-महिला शिक्षिकाओं को ccl का लाभ- सहमत

15-माता पिता के निधन पर 15 दिन का विशेष अवकाश- परीक्षण के लिए कमेटी बनेगी

16-परिषदीय परीक्षा में शिक्षकों को कृपांक का लाभ दिया जाय- शिक्षा सचिव ने असहमति प्रकट की।

17-मासिक परीक्षा वर्ष में केवल 4 ही होगी 2 अर्धवार्षिक परीक्षा से पहले ओर 2 अर्धवार्षिक परीक्षा के बाद में। संगठन ने इन परीक्षाओं का मूल्यांकन भी स्कूल स्तर पर किए जाने की मांग की।

18-तदर्थ शिक्षकों को 10 वर्ष की सेवा पर चयन /प्रोन्नत वेतन का लाभ एवं बेसिक/जूनियर से समायोजित शिक्षकों को चयन वेतन का लाभ दिए जाने का परीक्षण करवाया जा रहा है। संगठन ने माननीय मंत्री जी को बताया कि समायोजित शिक्षकों को आर्थिक लाभ का समर्थन है लेकिन वरिष्ठता उसी तिथि से देय हो जिस तिथि को एलटी में नियुक्त हुए हैं।

20-एलटी से प्रवक्ता पदों पर पदोन्नत हुए शिक्षकों को प्रोन्नत वेतन के लिए पूर्व की सेवा का लाभ दिया जाय- समिति का गठन किया जाएगा

21-प्रत्येक विद्यालय में संस्कृत विषय का पद सृजन किया जाय।- मंत्री जी स्वयं इस प्रकरण को देख रहें हैं।

22-प्रधानाचार्य के पदों पर शत-प्रतिशत वरिष्ठता आधारित पदोन्नति की जाय- अभी सभी पदों पर प्रमोशन से ही भरे जाने का प्रावधान है। प्रधानाचार्य एवं हेडमास्टर के स्वीकृत पदों के अंतर को भरने के लिए विभाग संगठन से वार्ता के बाद फैसला लेगा।

23-शिक्षकों को ACP का लाभ– परीक्षण

24-शिक्षा सत्र प्रारम्भ से पूर्व पाठ्य पुस्तक दी जाए- इस व्यवस्था को लागू करने के लिए विभाग काम कर रहा है। अगले सत्र से इसे पूर्णतः लागू किया जायेगा।

25-शारीरिक शिक्षा में प्रवक्ता पदों का सृजन किया जाए- इस मुद्दे पर गम्भीरता से काम किया जा र रहा है।

26- कला – वाणिज्य विषयों को मुख्य विषय रखकर इनके अंकों को जोडा जाए- बोर्ड से विमर्श कर इस मुद्दे का परीक्षण किया जाऐगा।
27-राजधानी में शिक्षक भवन– सहमति
28- राशिसं के प्रान्तीय – मंडलीय निर्वाचन में सही को मत देने के मुद्दे पर सहमति प्रदान की गई।

29- विज्ञान विषय की पुस्तकें हिंदी भाषा में भी भेजी जाएंगी।

30- शिक्षकों को बीएलओ कार्य से बाहर रखे जाने पर सहमति।

31- स्कूलों के कोटीकरण को पूर्व की भांति ABCDEF किए जाने पर सचिव महोदय ने कहा कि अगर स्थानान्तरण नियमावली लागू होती है तो उसमें स्कूलों को विभिन्न श्रेणियों में रखा गया है एवं अंतरमण्डलीय स्थानान्तरण को स्थान दिया गया।

32-डायटों में चयनित शिक्षकों की शीघ्र पदस्थापना की जाए.

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