स्वास्थ्य

आयुष और वैलनेस के क्षेत्र में निवेशकों ने दिखाया उत्साह, ₹ 5800 करोड़ से अधिक के MoU

देहरादून। एफआरआई में आयोजित उत्तराखण्ड ग्लोबल इन्वेस्टर समिट 2023 के दूसरे दिन भारत सरकार के आयुष सत्र का आयोजन किया गया, जिसमें कैबिनेट मंत्री रेखा आर्या मुख्य अतिथि के रूप में प्रतिभाग किया गया। जबकि, विशिष्ट वक्ता के रूप में मुल्तानी फार्मास्यूटिकल्स के वाइस चेयरमैन अर्जुन मुल्तानी, महर्षि आयुर्वेद के निदेशक लक्ष्मण श्रीवास्तव, हिमालय वैलनेस के प्रेसिडेंट डॉ. एस फारूख, चोलाइल प्रा०लि० के प्रबंध निदेशक डॉ. प्रदीप चोलाइल, मुंबई से वरिष्ठ होम्योपैथिक विशेषज्ञ एवं शोधकर्ता डॉ. जसवन्त पाटिल एम्स ऋषिकेश की निदेशक प्रो. मीनू सिंह, जोधपुर आयुर्वेद विश्वविद्यालय के प्रो. पीके प्रजापति उपस्थित रहे।

कार्यक्रम में 200 से अधिक आयुष निवेशकों सहित देश के विभिन्न संस्थानों से आए शिक्षाविदों, विश्वविद्यालयों के कुलपतियों, आयुष एवं वैलनेस से जुडी प्रतिष्ठित ब्रांड्स के प्रतिनिधियों सहित नेशनल होम्योपैथिक काउंसिल से डॉ. अनिल खुराना, आयुष मंत्रालय, भारत सरकार से डिप्टी डायरेक्टर जनरल सत्यजीत पॉल, सचिव आयुष एवं आयुष शिक्षा उत्तराखण्ड डॉ. पंकज कुमार पाण्डेय, उत्तराखण्ड आयुर्वेद विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. अरूण कुमार त्रिपाठी, अपर सचिव आयुष एवं आयुष शिक्षा डॉ. विजय कुमार जोगदण्डे, पतंजलि रिसर्च फाउंडेशन के वाइस प्रेसिडेंट डॉ अनुराग वाष्र्णेय, परमार्थ निकेतन से साध्वी गंगा नंदिनी तथा कई अन्य लोगों ने हिस्सा लिया।

सचिव आयुष ने अतिथियों का स्वागत करते हुए प्रदेश में आयुष की वर्तमान संरचना व उपलब्ध और मानव संसाधन पर प्रकाश डाला। साथ ही आयुष नीति के प्रमुख बिन्दुओं से अतिथियों को अवगत कराया। उन्होंने बताया कि आयुष एवं वैलनेस के क्षेत्र में निवेश के लिए निवेशकों द्वारा अत्यन्त उत्साह दिखाया गया है। वैलनेस, आयुष शिक्षा तथा आयुष निर्माण क्षेत्र में निवेश के लिए राज्य सरकार के साथ निवेशकों 5800 करोड़ रुपए से अधिक के एमओयू किये गये हैं।

कैबिनेट मंत्री रेखा आर्या ने में प्रदेश में मौजूद आयुष की प्राचीनतम विरासतों के संबंध में अवगत कराया। उन्होंने कहा कि आयुर्वेद के मनीषी आचार्य चरक की जन्मस्थली उत्तराखण्ड के कोटद्वार में स्थित चरेख डाण्डा नामक स्थल है तथा प्रदेश में 100 वर्षा से भी प्राचीन आयुर्वेदिक शिक्षण संस्थान ऋषिकुल एवं गुरुकुल शिक्षा सेवायें प्रदान कर रहे हैं। कैबिनेट मंत्री ने बताया कि भारत सरकार के सहयोग से प्रदेश में 50 एवं 10 शैययायुक्त चिकित्सालयों की स्थापना की जा रही है। उन्होंने सभी निवेशकों को राज्य सरकार का पूर्ण सहयोग देने का आश्वासन दिया।

आयुष मंत्रालय, भारत सरकार से आए पॉल ने भारत सरकार की आयुष चिकित्सा पद्धति को बढावा दिये जाने सम्बन्धी नीतियों के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि आयुष मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा एक्सपोर्ट को बढावा दिये जाने हेतु AYUSHEXI का गठन किया गया है, जो कि प्रदेश में भी आयुष एक्सपोर्ट को बढावा देने में पूर्ण सहयोग करेगी।
एनसीएच के अध्यक्ष डॉ. अनिल खुराना ने आयुष क्षेत्र में नवाचार और विकास को बढ़ावा देने के उद्देश्य से एमएसएमई और स्टार्टअप को प्रेरित करने के लिए आयुष मंत्रालय द्वारा की गई विभिन्न पहलों के बारे में बताया। उन्होंने बताया कि आयुष मंत्रालय व्यापार में सुगमता हेतु ई-औषधि और ई-चरक जैसे विभिन्न डिजिटल समाधान लॉन्च कर रहा है। आयुर्वेद और योग भारत में वेलनेस टूरिज्म के स्तंभ हैं और आयुष मंत्रालय की आयुष वीजा और हील इन इंडिया जैसी योजनाओं की शुरुआत करके इसका समर्थन कर रहा है। मुल्तानी फार्मास्यूटिकल्स के वाईस चेयरमैन अर्जुन मुल्तानी द्वारा वैश्विक बाजार में आयुष की बढ़ती संभावनाओं के सम्बन्ध में चर्चा की।

महर्षि आयुर्वेद के निदेशक लक्ष्मण श्रीवास्तव द्वारा अवगत कराया गया कि वैलनेस परिक्षेत्र में निवेश की प्रदेश में अपार संभावनायें हैं तथा प्रदेश हिमालयीय वातावरण स्वास्थ्य संवर्द्धन के लिए अनुकूल है, जिसको देखते हुए महर्षि आयुर्वेद भी अन्तर्राष्ट्रीय पर्यटकों के लिए उत्तरकाशी में 5 स्टार श्रेणी का वैलनेस रिसार्ट स्थापित करने जा रहा है। हिमालय वैलनेस के प्रेसिडेंट डॉ. एस. फारूख द्वारा उत्तराखंड में हिमालया वैलनेस की आजादी से पहले की यात्रा का वर्णन किया। आयुष औषधियों के निर्माण क्षेत्र में तकनीक का प्रयोग करने को बढावा दिये जाने पर जोर दिया गया तथा औषधि निर्माणशालाओं को औषधियों की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान देने का आग्रह किया गया।

चोलाइल प्रालि. के प्रबंध निदेशक डॉ. प्रदीप चोलाइल द्वारा आयुष औषधि निर्माण सम्बन्धी चुनौतियों तथा संभावनाओं पर प्रकाश डाला गया। उनके द्वारा अवगत कराया गया कि आयुष कॉस्मेटिक्स निर्माण क्षेत्र के वैश्विक बाजार में अपार संभावनायें उपलब्ध हैं व आने वाले समय में आयुष कॉस्मेटिक्स का मांग में कई गुना वृद्धि होना तय है। मुंबई से वरिष्ठ होम्योपैथिक विशेषज्ञ एवं शोधकर्ता डॉ. जसवन्त पाटिल द्वारा स्वास्थ्य लाभ हेतु होम्योपैथी चिकित्सा के योगदान पर संक्षिप्त विवरण प्रस्तुत किया गया। डॉ० पाटिल द्वारा अवगत कराया गया कि दुष्प्रभाव रहित होम्योपैथिक चिकित्सा के प्रयोग से व्यक्ति अत्यल्प व्यय में स्वास्थ्य लाभ प्राप्त कर सकता है। साथ ही उन्होंने कैंसर, एक्जिमा, मस्कुलर डिस्ट्रॉफी, टीबी आदि रोगों में होम्योपैथिक दवाओं के लाभ सम्बन्धी अपने अनुभव साझा किए।

एम्स ऋषिकेश की निदेशक प्रो. मीनू सिंह द्वारा आने वाले समय में आयुष व आधुनिक चिकित्सा पद्धति के सामंजस्य से स्वस्थ उत्तराखण्ड की परिकल्पना प्रस्तुत की गयी। उन्होंने क्लिनिकल डेटा के डॉक्यूमेंटेशन के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने आयुष चिकित्सा पद्धति से लेकर यज्ञ चिकित्सा, गंगा जल के चिकित्सीय प्रभाव के बारे में चर्चा की तथा आश्वासन दिया कि एम्स, ऋषिकेश आयुष सम्बन्धी क्लिनिकल रिसर्च में सहयोग प्रदान करेगा ।

अपर सचिव डॉ. विजय कुमार जोगदण्डे ने समस्त प्रतिभागियो का आभार व्यक्त करते हुए उत्तराखण्ड को आयुष प्रदेश के रूप में स्थापित किये जाने हेतु सभी निवेशकों को सहयोग मांगा।

कार्यक्रम के बाद उत्तराखण्ड सरकार के उच्चाधिकारियों के साथ निवेशकों के साथ B2G बैठकों का आयोजन किया गया, जिसमें 30 से अधिक निवेशकों द्वारा आयुष क्षेत्र में निवेश हेतु चर्चा की गयी व निवेश हेतु एम०ओ०यू० किए गए। कार्यक्रम का संचालन ईवाई संस्था के पार्टनर व पेशे से चार्टेड अकाउंटेंट अभिषेक गुप्ता ने किया।

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