प्रो. मनमोहन सिंह रौथाण गढ़वाल विश्वविद्यालय के कार्यवाहक कुलपति नियुक्त
केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने जारी किया आदेश
देहरादून। प्रो. मनमोहन सिंह रौथाण हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय के कार्यवाहक कुलपति होंगे। केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने इस बाबत आदेश जारी कर दिया है। प्रो. रौथाण संभवतः कल 5 दिसम्बर को कार्यभार ग्रहण करेंगे।
उल्लेखनीय है कि हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफेसर अन्नपूर्णा नौटियाल का कार्यकाल 31 अक्टूबर 2024 को पूरा हो गया था। प्रोफेसर नौटियाल 19 अक्टूबर 2018 से करीब डेढ़ साल बतौर कार्यवाहक और उसके बाद स्थायी कुलपति का कार्यकाल मिलाकर अभी तक करीब साढ़े छह साल कुलपति पद पर कार्य कर चुकी हैं। केंद्रीय विवि एक्ट के तहत कुलपति की नियुक्ति न होने तक कार्यरत कुलपति को अस्थायी तौर पर पद पर बने रहने या विवि के वरिष्ठ प्रोफेसर को कार्यवाहक तौर पर कुलपति नियुक्त करने का प्रावधान है।
कौन हैं प्रो रौथाण
प्रो. मनमोहन सिंह रौथाण ने अपने तीन दशकों से अधिक समय के करियर में कई शैक्षणिक उपलब्धियां हासिल की हैं। प्रो. रौथाण ने 1985 में आईआईटी नई दिल्ली से भौतिकी में एम.एससी. की। इसके बाद 1987 में रुड़की विश्वविद्यालय से कंप्यूटर साइंस और इंजीनियरिंग में एम.टेक. की डिग्री प्राप्त की। उन्होंने उत्तराखंड के नैनीताल स्थित कुमाऊं विश्वविद्यालय से पीएच.डी. करके अपनी शैक्षणिक नींव को और भी मजबूत किया।
प्रो. रौथाण ने अगस्त 1987 में भोपाल के सरकारी कंप्यूटर सेंटर में एक प्रोग्रामर के रूप में अपना करियर शुरू किया। 1988 में वे राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (एनआईसी), दिल्ली में एक वरिष्ठ सिस्टम विश्लेषक के रूप में शामिल हुए, जहां उन्होंने 1995 तक सेवा की। उनकी समर्पण और प्रतिभा के कारण उन्हें भारत के राष्ट्रपति से उत्कृष्ट सेवा के लिए एक पुरस्कार प्राप्त हुआ।
1995 में, प्रो. रौथाण जी.बी. पंत इंजीनियरिंग कॉलेज, पौड़ी में रीडर के रूप में शामिल हुए। शैक्षणिक क्षेत्र में प्रगति करने की उनकी प्रतिबद्धता ने उन्हें एचएनबी गढ़वाल विश्वविद्यालय में पहुंचाया, जहां वे 2001 में कंप्यूटर साइंस और इंजीनियरिंग में प्रोफेसर बने। एचएनबी गढ़वाल विश्वविद्यालय में अपने समय के दौरान, प्रो. रौथाण ने कई प्रभावशाली भूमिकाओं को संभाला। उन्होंने 2002 से 2011 तक परीक्षा नियंत्रक (कम्प्यूटरीकरण) के रूप में कार्य किया। इस अवधि के दौरान, उन्होंने विश्वविद्यालय में परीक्षा कार्य का कम्प्यूटरीकरण किया, जो पहले बाहरी एजेंसियों पर निर्भर था। इसके अलावा, उन्होंने 2001 से कंप्यूटर साइंस और इंजीनियरिंग विभाग का नेतृत्व किया और 2007 से 2015 तक परीक्षा नियंत्रक (व्यावसायिक परीक्षा) की भूमिका भी निभाई।
प्रो. रौथाण का योगदान एचएनबी गढ़वाल विश्वविद्यालय में तब और विस्तृत हुआ जब उन्होंने जनवरी 2013 से जनवरी 2016 तक स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी के डीन का पद संभाला। एचएनबी गढ़वाल विश्वविद्यालय में अपने कार्यकाल से पहले, उन्होंने जी.बी. पंत इंजीनियरिंग कॉलेज, पौड़ी गढ़वाल में डीएसडब्ल्यू और प्रशिक्षण एवं प्लेसमेंट अधिकारी के रूप में भी सेवा की।