देहरादून। राज्य वन सेवा अधिकारियों को प्रशिक्षित करने के लिए भारत का एक प्रमुख संस्थान, केंद्रीय अकादमी राज्य वन सेवा, देहरादून भ्रमण प्रबंधकों, होम स्टे संचालको, संरक्षणवादियों, प्रकृतिवादियों के प्रोत्साहन के लिए ” पारिस्थितिकी पर्यटन का सफल संचालन” विषय पर तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला (13 से 15 दिसंबर 2023 तक) का आयोजन, भारत सरकार के पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा किया जा रहा है।
इस तीन दिनों के दौरान, प्रतिभागियों को अग्रणी विशेषज्ञों, विचारकों और अभ्यासकर्ताओं के साथ जुड़ने का अवसर मिलेगा, जिन्होंने पर्यटन को बढ़ावा देने और प्राकृतिक पर्यावरण की सुरक्षा के दोहरे उद्देश्यों को संतुलित करने में उल्लेखनीय सफलता प्रदर्शित की है। सम्वाद कार्यशालाओं, इससे जुडे विषयो का अध्ययन और व्यावहारिक शिक्षा के संयोजन के माध्यम से, इस प्रशिक्षण कार्यक्रम के प्रतिभागियों को स्थानीय योगदान देने वाले इकोटूरिज्म पहलुओ को स्थापित करने, प्रबन्धन करने और बनाए रखने के लिए आवश्यक प्रमुख सिद्धांतों, सर्वोत्तम प्रथाओं और नवीन पद्धतियों की व्यापक समझ प्राप्त होगी और नाजुक पारिस्थितिकी तंत्र की अखंडता को संरक्षित करते हुए अर्थव्यवस्था को विकसित करने पर जोर दिया जायेगा।
पर्यावरणीय प्रबंधन, सामुदायिक जुड़ाव और आर्थिक व्यवहार्यता को एकीकृत करने वाले समग्र दृष्टिकोण को अपनाकर, यह प्रशिक्षण कार्यक्रम प्रतिभागियों को इकोटूरिज्म विकास की जटिलताओं को पहचानने और उनसे संबंधित प्रभाव क्षेत्रों के भीतर जिम्मेदार और प्रभावशाली पर्यटन की संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए आवश्यक कौशल के साथ सशक्त बनाने का प्रयास किया जायेगा।
डॉ. धनंजय मोहन, भा.व.से., पीसीसीएफ और अध्यक्ष (जैव विविधता बोर्ड, उत्तराखंड), देहरादून, प्रशिक्षण कार्यशाला के मुख्य अतिथि के रूप में इस अवसर पर उपस्थित थे। अपने मुख्य भाषण में उन्होंने सकारात्मकता के साथ इकोटूरिज्म को बढ़ाने, पारिस्थितिकी तंत्र और प्रकृति के संरक्षण को मजबूत करने पर जोर दिया।
मीनाक्षी जोशी, भा.व.से, प्रधानाचार्या, केंद्रीय अकादमी राज्य वन सेवा, देहरादून, अंकित गुप्ता, वैज्ञानिक-सी, पाठ्यक्रम निदेशक और सभी संकाय सदस्यों ने इस अवसर पर मुख्य अतिथि और प्रतिभागियों का स्वागत किया।